प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप को फौजी गार्ड ने रोका – नेहरू टोपी ,कुर्ता और पैरों में पहनी चप्पल फौज के कोड में नहीं है

दिल्ली के धौला कुआं स्थित फौज के डिफेंस ऑफिसर सर्विस इंस्टीट्यूट में एक रक्षा अधिकारी से मिलने गए उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप को फौजी गार्ड द्वारा उनकी धोती कुर्ते वाली ड्रेस को लेकर रोके जाने का मामला प्रकाश मे आया है ।उनसे कहा गया उनकी नेहरू टोपी ,कुर्ता और पैरों में पहनी चप्पल फौज के कोड में नहीं है। इसलिए उन्हें इसमें अंदर जाने नहीं दिया जा सकता।
धीरेंद्र प्रताप ने नेहरू कैप के अपमान के विरुद्ध डिफेंस ऑफिसर सर्विसेस इंस्टिट्यूट के बाहर कुछ देर सांकेतिक धरना दिया और बाद में जारी बयान में उन्होंने कहा कि नेहरू कैप के अपमान के विरुद्ध भारत की से
नाओं के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से वे शीघ्र मिलेंगे और यही नहीं भारत के रक्षा राज्य मंत्री उत्तराखंड के नैनीताल से सांसद अजय भट्ट से भी वह मिलेंगे और सेना इंस्टिट्यूट में नेहरू कैप और भारतीय परिधान कुर्ते के भी अपमान के विरुद्ध जो भारतीय परिधान हैं वह अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
उन्होंने कहा कि यद्यपि कुछ देर बाद वहां से चले गए और ऐसा उन्होंने इसलिए किया कि कहीं बड़े अधिकारी गेट पर खड़े दरबान की नौकरी पर अपने गुस्से को ना बरसा दे। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री जो स्वयं कुर्ता पहनते
हैं और महामहिम राष्ट्रपति जो तीनों भारतीय सेनाओं के सर्वोच्च सेनापति है ।उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की है और फौजी कानून में नेहरू कैप का कम से कम अपमान ना किए जाने की अपील की है ।
डिफेंस ऑफिसर सर्विसेज इंस्टिट्यूट धोला कुआं के बाहर नेहरू कैप के अपमान के विरुद्ध धरना देकर सत्याग्रह करते हुए धीरेंद्र प्रताप।