*मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन दिल्ली – बेघर लोगों के साथ 73वॉ गणतंत्र दिवस मानाया *

 

दिल्ली- मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन ने राष्ट्र ध्वज वंदन कर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर 73वॉ गणतंत्र दिवस मनाया तथा संध्या समय में सड़क के किनारे बेघर लोगों को कम्बल एवं मिठाई वितरण किया और लोगों को गणतंत्र दिवस के बारे में बताया ,
मीडिया प्रभारी हरीश असवाल ने बताया की संगठन द्वारा 73वॉ गणतंत्र दिवस दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों के अलग अलग कार्यालय पर झण्डा वंदन किया गया और संकल्प लिया गया कि संगठन इसी तरह से बढ़ चढ़ कर समाजिक सेवा और कार्य करता रहेगा इस पर्व अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक कुमार डेढ़ा,प्रदेश अध्यक्ष राकेश पाल,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि शंकर सिंह ,उपाध्यक्ष अर्जुन अरोड़ा, महासचिव आकाश शर्मा, सलाहकार सूरज पाल, कोषाध्यक्ष अजय राजपूत, मीडिया प्रभारी देव सिंह,लिगल एडवाइजर रागनी सिंह,सिद्धार्थ गुप्ता, सह-कोषाध्यक्ष कृपाल सिंह,सह-सचिव सुमित कुमार,सचिन अग्रवाल, असलम खान,माया देवी,उषा देवी,सुशीला देवी,मंजूषा देवी,रचना कुमारी,रूमा देवी,मंजू कुमारी,कुलदीप कुमार,अनिल कुमार, रविन्द्र पाल गोविंद प्रजापति समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल रहे*

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।

गणतंत्र दिवस के दिन हम इन महान पुरुषों के बलिदान को याद करत और प्रेरणा लेते है कि हम भी इन्ही महान पुरुषों की तरह अपने देश के लिए अपने प्राण त्याग देंगे उसकी आन मान और शान की रक्षा के लिए हर समय तय्यार रहेंगे और दोबारा कभी अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो में बंधने नहीं देंगे हम सब को इन देश भक्तो से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की हिफाज़त के लिए तय्यार रहना चाहिए। े है गणतंत्र दिवस को मनाने का एक उद्देश्यकि हम महान पुरुषों के बलिदान को याद करके उनसे प्रेरणा लेते है।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित सिसोदिया का संदेश संगठन एवं आम जनता के लिए प्रेरणा दायक

प्रत्येक भारत वासियों को भारत के शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश को ऊँचायो तक पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और हर भारतीय का कर्तव्य बनता है कि वह देश के विकास के लिए अपना पूरा योगदान दे और देश की रक्षा के लिए हर समय खड़ा रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *