हरिद्वार एवं ऋषिकेश यात्रा बस अड्डे से तीर्थयात्री  बदरीनाथ धाम हो रहे रवाना

. बदरीनाथ यात्रा जारी है। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री  बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।
•  बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।
• कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रात: आदि गुरु शंकराचार्य  की पवित्र गद्दी रावल सहित  उद्धव ,  कुबेर  योग -ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे।

•  उद्धव  एवं  कुबेर  योग -ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो जायेंगे।

•  22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य  की गद्दी एवं रावल  नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगे।

योग बदरी पांडुकेश्वर एवं  नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
•ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर सभी विभागों यथा चिकित्सा, पुलिस, परिवहन,यात्रा प्रशासन संगठन, पर्यटन‌, देवस्थानम बोर्ड,नगरनिगम के हेल्प डेस्क यात्री पूछताछ काउंटर अभी भी कार्यरत हैं।
• हरिद्वार एवं ऋषिकेश यात्रा बस अड्डे से तीर्थयात्री  बदरीनाथ धाम रवाना हो रहे है

• बदरीनाएं ब्यवस्थायें सुचारू हैं।
केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति 6 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद विगत सोमवार 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल  ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ  की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई।
• कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप  गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा तथा  यमुना की शीतकालीन पूजाएं खरसाली में संपन्न हो रही हैं।
•उत्तराखंड चार धाम  बदरीनाथ,  केदारनाथ,  गंगोत्री,  यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छ: माह शीतकालीन पूजाएं होती हैं। देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि आज तक चार लाख चौरासी हजार से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम दर्शन को पहुंच गये हैं।  केदारनाथ धाम सहित  गंगोत्री-यमुनोत्री जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। 20 नवंबर को  बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। द्वितीय केदार  मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे‌ 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *