बारिश से मैदानी किसानों की बढ़ी चिंता तो पर्वतीय किसान हो गए खुश

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विकासनगर। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बाद किसानों की भी चिंता बढ़ गई है। पछुवादून, जौनसार बावर में रविवार सुबह से ही मौसम ने करवट बदल ली है। कुछ जगहों पर बारिश के साथ तेज हवाएं भी चल रही हैं, जिसको लेकर किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। इन दिनों पछुवादून में धान की फसल पककर कटाई के लिए तैयार हो चुकी है। ऐसे में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से फसलों को नुकसान हो सकता है।
इसके साथ ही खेतों में जलभराव होने के कारण फसल में अंकुरण आने का खतरा भी बना हुआ है। किसानों का कहना है कि फसल में नमी आने पर उसके खराब होने और काले पड़ने का खतरा हो जाता है। खराब फसल को धान खरीद केंद्रों पर नहीं खरीदा जाता, जिससे उन्हें भारी नुकसान होगा। कुछ जगहों पर इन दिनों धान की कटाई शुरु हो चुकी है, जबकि कुछ क्षेत्रों में फसल अभी खेतों में ही खड़ी है।
प्रतीतपुर के किसान परविंदर सैनी, सोहन सिंह, जस्सोवाला के रमेश सैनी, लक्खनवाला के राजपाल यादव, धर्मावाला के श्याम सिंह ने बताया कि इन दिनों धान की फसल पककर कटाई के लिए तैयार हो चुकी है। ऐसे में बेमौसम बारिश से धान की कटाई का प्रभावित हो सकता है, जिसका असर अगली फसल की बुआई पर भी पड़ेगा। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक डा. संजय सिंह ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के लिए बारिश वरदान साबित होगी। गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को खेत में नमी मिल जाएगी, जिससे बीज में अंकुरण अच्छा होगा। इसके साथ ही मटर, चना जैसी नगदी फसलों को भी बारिश से पर्याप्त पानी मिलेगा। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने से धान की फसल प्रभावित होगी, इसके साथ ही जो धान कटकर खेतों में पड़ी है, उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

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