छात्रा को रात नौ बजे हास्टल से निकालने का आरोप, विरोध में प्रदर्शन – एम्स प्रशासन ऋषिकेश

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज पाठ्यक्रम में अध्ययनरत एक छात्रा ने एम्स प्रशासन पर बेवजह हास्टल से बाहर किए जाने का आरोप लगाया है। पाठ्यक्रम से जुड़े छात्रों ने छात्रा के समर्थन में एम्स प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं, एम्स ने छात्रा के आरोपों को गैरवाजिफ बताया है।
इस मामले में बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता यादव ने 11 अक्टूबर को निदेशक एम्स को शिकायती पत्र दिया। उन्होंने बताया कि छह अक्टूबर 2021 को उन्हें एम्स के नर्सिंग हास्टल में कमरा आवंटित किया गया था। तब उन्हें यह नहीं बताया गया कि उन्हें यह रूम अस्थाई व्यवस्था के तहत दिया जा रहा है। आरोप है कि आठ अक्टूबर को हास्टल वार्डन ने उनसे रात नौ बजे कमरा खाली करा दिया। छात्र ने हास्टल प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया। इस मामले में मंगलवार को पाठ्यक्रम से जुड़े छात्रों ने एम्स के गेट नंबर- 2 पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना था कि वह विभिन्न प्रदेशों से यहां पढ़ने के लिए आए हैं। मगर, उन्हें हास्टल में नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने छात्रा को रात हास्टल से निकाले जाने पर भी आक्रोश जताया

उधर, इस मामले में एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि एम्स ऋषिकेश में सिर्फ एमबीबीएस और बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं को ही हॉस्टल की सुविधा प्राप्त है। यहां अभी अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए हास्टल नहीं बने हैं। उन्होंने बताया कि अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों को अपनी व्यवस्था पर एम्स से बाहर रहना होता है, जिस का स्पष्ट उल्लेख पाठ्यक्रम से संबंधित प्रोस्पेक्टस में किया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स प्रशासन को जब ज्ञात हुआ कि एलाइड हेल्थ साइंसेज की छात्रा को नर्सिंग हास्टल में कमरा आवंटित किया गया है, तो उसे शीघ्र कमरा खाली करने का नोटिस दिया गया था।

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