विचारों के बदलने से समाज में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकताः डॉ. बी.के.एस. संजय

देहरादून। विचारों का किसी एक के दिमाग में आना और संवाद के माध्यम से किसी दूसरे के विचारों के बदलने से समाज में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचारों से न केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बदलाव लाए हैं जिसमें न तो बहुत समय लगा न ही कोई किसी तरह का धन या कर। यह विचार व्यक्त किए पद्मश्री से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय ने सभी सांसदों के साथ संसद परिसर में आयोजित एक इंटरएक्टिव सेशन के दौरान। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक ही झटके में बिना खर्च किए कई बदलाव आये जिनमें है एक लाल बत्ती पाने वालों के विचार में बदलाव। हूटर न बजने के कारण आम लोगों को और हूटर न मिलने के कारण खास लोगों को भी आज अच्छी नींद आ रही है जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सांसदों के लाभ के लिए लोकसभा सचिवालय की प्राइड (संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान) द्वारा एक इंटरएक्टिव सेशन का संसद भवन परिसर में 23-25 मार्च, 2022 आयोजित किया गया था। लोकसभा के माननीय अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र का शुभारंभ किया। साथ में लोकसभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव प्रश्नजीत सिंह तथा प्राइड की निदेशक सीमा कौल सिंह तथा अन्य गणमान्य सांसद मौजूद थे। इंटरएक्टिव सेशन का मुख्य उद्देश्य था कि समाज सेवा में जुड़े पद्म पुरस्कार विजेताओं के कायों के बारे में सांसद विस्तृत तरीके से जाने कि उनके संसदीय क्षेत्र के लोग किस तरह से पद्म पुरस्कार विजेताओं के कार्याे से लाभान्वित हो सकते हैं?
प्राइड द्वारा पद्म पुरस्कार से सम्मानित कुछ चयनित महानुभावों को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमें अपने देश-दुनिया के जाने-माने ऑर्थाेपीडिक सर्जन पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय को भी आमंत्रित किया गया था। डॉ. संजय ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की तिकड़ी विकास के बुनियादी स्तंभ है। हमारे समाज और सरकारों को इनके ऊपर बहुत ध्यान देना चाहिए। डॉ. संजय ने अपने संबोधन के माध्यम से सभी सांसदों से ऐसी व्यवस्था बनाने का अनुरोध किया कि अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन सबको मिलनी चाहिए और सस्ती या रियायती दरों पर मिलनी चाहिए, क्योंकि कार्य की गुणवत्ता कार्यकर्ता की गुणवत्ता पर निर्भर करती है और कार्यकर्ता की गुणवत्ता भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की गुणवत्ता पर उपलब्धता पर निर्भर करती है।
डॉ. संजय ने बताया कि बढ़ती हुई जनसंख्या हमारे देश की सभी समस्याओं का मूल कारक है। इसके कारण सभी प्राकृतिक एवं मानव निर्मित संसाधनों में दिनोंदिन कमी आती जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसी चीज को एक से अधिक से विभाजित किया जाता है तो भागफल एक से कम आता है। यह सभी संसाधनों पर भी लागू होता है। उन्होंने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि यह संदेश हमारे नीति निर्माताओं द्वारा सभी नागरिकों के मन में बिठा देना चाहिए। डॉ. संजय ने कहा हमारे देश में सड़क यातायात दुर्घटनाओं ने एक महामारी का रूप ले लिया है। सड़क दुर्घटना के बाद हर कोई व्यक्ति गरीब हो जाता है लेकिन गरीब आदमी और गरीब हो जाता है। यह देश की प्रगति में रोड़े का काम कर रही है। आज के समय में सड़क दुर्घटनाओं से देश में शारीरिक, मानसिक और विकलांगता बढ़ती जा रही है। संसद में इंटरएक्टिव सेशन के दौरान डॉ. बी. के. एस. संजय ने अपने संबोधन में बताया कि समाज ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, अब यह उनका कर्तव्य और दायित्व है कि वह समाज को भी अपना योगदान देंगे। उनकी संस्था सन् 2001 से सीमित संसाधनों के साथ रेडियो, टी.वी., अखबार, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, जन जागरूकता व्याख्यान अतिथि संतभ के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयास में लगी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *