मिशन जिन्दगी पूराः श्रमिकों को बाहर लाने की तैयारी

उत्तरकाशी। रेस्क्यू आपरेशन पूरा हो चुका है। किसी भी समय 17 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर लाया जा सकता है। ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है, श्रमिको तक पाइप पहुंच चुका है। डाक्टरों की टीमें इनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए तैयार खड़ी है। मौके पर एनडीआरएफ एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन और जिलाधिकारी सहित तमाम अधिकारी भी मौजूद है। अगर किसी श्रमिक का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता है तो उन्हे एयर लिफ्ट करने का इंतजाम भी किया गया है।
इससे पूर्व सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। मजदूरों को बाहर लाने के लिए पाइप के जरिए एनडीआरएफ के जवान श्रमिकों तक जायेगे। बाहर एक टीम द्वारा उन्हे यहंा बनाये गये स्थायी कैम्प तक लेे जाया जायेगा। उनके परिजनों को भी कैम्प में बुला लिया गया है। जो एम्बूलेंस उन्हे अस्पताल लेकर जायेगी उसमें उनके परिजन भी साथ जायेगें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह भी सुरंग से बाहर मौजूद है। 41 एम्बूलेंस श्रमिकों को अस्पताल ले जाने को तैयार रखी गयी है।
उल्लेखनीय है कि 12 नवम्बर दीपावली की रात अचानक सुरंग का 50-60 मीटर लम्बा बड़ा हिस्सा ढह जाने से 41 श्रमिक इस सुरंग में फंस गये थे। इस हादसे के बाद प्रारम्भिक दौर में सुरंग में आये मलबे को हटा कर इन श्रमिकों को बाहर लाने का प्रयास किया गया लेकिन दो दिन के प्रयास के बाद यह प्लान नाकाम हो गया। क्योंकि सुंरग ेसे मलबा निकालने पर पहाड़ से और अधिक मलबा आना शुरू हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब दुर्घटना स्थल पर पहली बार पहुंचे तब इस गम्भीर स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञो की राय पर आगर मशीन के जरिए सुरंग में ड्रिलिंग और पाइप डालने का फैसला लिया गया। जिसके लिए दून से आगर मशीन व हरिद्वार से 900 एमएम के पाइप मंगवाने पड़े। इस कार्य के शुरू होने में दो दिन का समय लग गया। और जब काम शुरू हुआ तो तीन पाइप के ड्रिलिंग के बाद ही बाधाएं आना शुरू हो गयी। फिर केन्द्र सरकार की मदद से सेना के माल वाहक विमानो से हैवी आगर मशीन मंगवाई गयी। जिसके बाद फिर ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। लेकिन कदम दर कदम काम के बीच आयी रूकावटों के कारण पाइप 48 मीटर क ड्रिलिंग तक ही पहुंच सका और इस दौरान आगर मशीन का एक बड़ा हिस्सा टूट कर पाइप में फंस गया। जिसके बाद इस प्लान पर दो दिन तक कोई काम नही हो सका और इसकी सफलता पर भी सवाल खड़े हो गये। लेकिन इस बीच सुरंग में फंसे श्रमिको से सम्पर्क होने पर उन तक आक्सीजन तथा खाना आदि पहुंचाने में सफलता मिलने से प्रयासों को आगे बढ़ाने का भी बल मिला।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर इन श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के पांच विकल्प तैयार किया गये और सभी विकल्पों पर एक साथ काम शुरू किया गया। लेकिन इसके बाद भी सबसे पहले वाले हारिजेंटल ड्रिलिंग व पाइप पुलिंग पर ही सबसे अधिक उम्मीद जताई गयी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *