पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में मोटे अनाज से तैयार व्यजंन खिलाए गए

कोटद्वार। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पोषण माह के तहत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में अम्मा की रसोई गतिविधि का आयोजन किया गया। इस मौके पर बाल विकास विभाग की कर्मचारियों ने स्थानीय महिलाओं के सहयोग से मोटे अनाजों और पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन पकाकर खिलाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक सितंबर से 30 सितंबर तक पोषण माह मना रहा है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण माह के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र थपलियाल ने बताया कि सितंबर माह में चल रहे पोषण माह की थीम सुपोषित किशोरी सशक्त नारी रखी गई है। कार्यक्रम में मोटे अनाज के व्यजंन बनाने के साथ ही महिलाओं और किशोरियों को उचित एवं संतुलित पोषण के प्रति जागरुक किया जा रहा है। अभियान का मकसद पोषण के विषय में जागरुकता बढ़ाना, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं सहित आमजन को कुपोषण से दूर करना है। उधर, अभियान के तहत बाल विकास परियोजना दुगड्डा के आंगनबाड़ी केंद्रों में स्थानीय मोटे अनाज से बनाए गए पारंपरिक पहाड़ी व्यजंन और पकवान बनाए गए। केंद्रों में गांवों की अनुभवी महिलाओं के सहयोग से झंगोरे की खीर, मंडुवे के आटे से बनी बाड़ी (हलवा ), मंडुवे की रोटी, चौंसू (पिसी उड़द का दाल), अरबी के पत्तों से बने पैतूड़, सोयाबीन की दाल, उड़द दाल के पकौड़े, आटे के गुलगुले और झंगोरे (सांवा) व मठ्ठे से बना छछेड़ा सहित अन्य व्यंजन बनाए गए। व्यंजन बनाने वाली महिलाओं ने मोटे और स्थानीय अनाज के उपभोग से होने वाले फायदों से अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी शिवाली, क्षेत्रीय सुपरवाइजर संतोषी गुसाईं, लक्ष्मी देवी व सुनीता देवी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री ऊषा गोस्वामी, बसन्ती रावत, पूनम शर्मा, पुष्पा गुप्ता व मोनिका आर्य आदि की मौजूद थीं।

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