सीएम और प्रभारी मंत्री को बताई रुद्रप्रयाग की वस्तुस्थिति

रुद्रप्रयाग। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में मची तबाही से ग्रामीण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हंसते-खेलते गांव उजड़ गए हैं। लोग अपनों को खोने के गम से नहीं निकल पा रहे हैं। उनकी आंखों के सामने वो खौफनाक मंजर बार-बार नजर आ रहा है। ऐसे में सरकार और शासन-प्रशासन भी आपदाग्रस्त प्रभावित इलाकों में रहकर पीड़ितों के इस दुखदर्द को कम करने का काम कर रहे है, जिससे प्रभावितों को भी राहत मिल रही है।
प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जनपद प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा से भेंट कर उन्हें जनपद की वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रकृति की मार से जनपद अलग-थलग सा पड़ गया है। रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण भयक्रांत होने के साथ ही सरकार और शासन-प्रशासन से उम्मीदें लगाई बैठे नजर आ रहे हैं। उनकी उम्मीदों का प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी सहारा बन रहे हैं। प्रभावितों की हरसंभव मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू टीमें प्रभावितों के दर्द को समझते हुए धरातल पर कार्य कर रही हैं। पूरी मुस्तैदी के साथ आपदा टीमें प्रभावितों के साथ खड़ी नजर आ रही हैं। उन्होंने आपदाग्रस्त इलाकों का भ्रमण करने के दौरान प्रभावित 45 ग्रामों की सूची प्रशासन को प्रेषित की गई है। इन ग्रामों में आपदा से गंभीर क्षति की सूचना प्राप्त हुई है, जिसकी पुष्टि स्थानीय प्रशासन ने भी की है। उनियाल ने कहा कि इस कठिन समय में पूरी संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन से वार्ता होने पर दूरस्थ व छोटे ग्रामों की समस्याओं एवं ग्रामीणों द्वारा भेजी गई सूचनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ हरसंभव खड़ी है। किसी भी पीड़ित परिवार को राहत से वंचित नहीं रख जा रहा है। प्रशासन को दिए निर्देशों के तहत प्रभावित क्षेत्रों पर सतत निगरानी रखी जा रही है और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल ने स्थानीय जनता से अपील की कि वे इस आपदा की घड़ी में अनावश्यक यात्रा से बचें तथा सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पीड़ित परिवारों की सहायता करें। इस दौरान उन्होंने काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा को ज्ञापन देकर प्रभावित इलाकों में सुविधाएं प्रदान करने की मांग भी की।

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