चाइल्ड हेल्पलाइन की सर्तकता से सुरक्षित हुआ बच्चे का भविष्य

रुद्रप्रयाग। चाइल्ड हेल्पलाइन को कुछ दिन पूर्व सूचना मिली थी कि सिल्ला बामनगांव निवासी बालक राजवीर गुमशुदा है, जिसे सयात दिन बाद पुलिस ने सोनप्रयाग से बरामद कर लिया था। मामले की तहकीकात करने पर पता चला कि बालक के पिता पैरों से विकलांग और माता बोलने व सुनने में असमर्थ है। बालक के तीन अन्य भाई बहिन भी हैं, जिनकी जिम्मेदारी दादा-दादी निभा रहे हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापिका से बात करने पर पता चला कि बालक राजवीर लगातार विद्यालय से अनुपस्थित रहता है तथा गलत गतिविधियों में संलिप्त हो रहा है,े जिस कारण उसका भविष्य खराब होने की पूर्ण आशंका है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ अखिलेश मिश्र ने बताया कि जानकारी मिलते ही उन्होंने बिना देरी के चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक सुरेंद्र सिंह को बालक राजवीर के दादा से इस विषय में बात करने को कहा, जिसमें उन्होंने बताया कि बालक उनके नियंत्रण से बिल्कुल बाहर हो गया है और घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसकी अन्यत्र व्यवस्था भी नहीं की जा सकती है। चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा उन्हें बताया गया कि बौराड़ी स्थित चिल्ड्रन विलेज में इस प्रकार के बच्चों को रखा जाता है तथा उनके पालन पोषण एवं शिक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाता है। परिवारवालों की सहमति के पश्चात चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक सुरेंद्र सिंह, वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, बाल कल्याण समिति की सदस्य गीता मलासी एवं बाल संरक्षण अधिकारी रोशनी रावत ने बालक राजवीर के घर एवं विद्यालय में जाकर बालक के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की तथा उसके पश्चात बालक को रुद्रप्रयाग लाया गया है, जहां उसका मेडिकल कर बाल कल्याण समिति उसे बौराड़ी भेजेगी।

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