किसानों को खेती करने के लिए वैज्ञानिक तरीके बताए
टिहरी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी, उद्यान विभाग के शील बायोटेक लिमिटेड ने प्रशिक्षण आयोजित किया। प्रशिक्षण में किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए वैज्ञानिक तरीके बताए। कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं साथ ही इनका बाजार में दाम भी अधिक मिलता है।
कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी में आयोजित प्रशिक्षण में केवीके केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. आलोक येवले ने बताया कि मृदा को संरक्षित करने के लिए प्राकृतिक खेती की पद्धति को अपनाया जाना जरूरी है। मृदा वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. शिखा ने कम लागत में खेती करने, अपने आसपास मौजूद संसाधनों का प्रयोग करके खेती करने के लिए प्रेरित किया।
बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को बाजार से खाद्य, उर्वरक, कीटनाशक रसायन लेने की जरूरत है। पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डा. सचिन कुमार ने जंगली जानवरों से फसलों को बचाने, वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के उपाय भी बताए। इस मौके पर उदित जोशी, विनोद रमोला, बृजेश, विमल, दीवान सिंह, रमेश चौहान, लक्ष्मी देवी, मंजू देवी समेत नरेंद्रनगर ब्लॉक के 40 से अधिक किसान और वानिकी महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
