बवाई गांव की रूपदेई ने पेश की आत्मनिर्भरता की नई मिसाल

रुद्रप्रयाग। विकासखंड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत ग्राम बबाई की रूपदेई देवी ने अपनी मेहनत और लगन से आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की। एकता स्वयं सहायता समूह एवं उन्नति स्वायत सहकारिता नारी की सदस्य रूपदेई देवी ने ग्रामोथान परियोजना के म तहत स्वरोजगार शुरू कर बकरी पालन को अपनी आर्थिकी का सशक्त माध्यम बनाया।
परियोजना के तहत उन्हें 30,000 रुपये की सहायता राशि, 50,000 रुपये का बैंक लोन तथा 20,000 रुपये का लाभार्थी अंश प्रदान किया गया, जिसके माध्यम से उन्होंने बकरी पालन की गतिविधि शुरू की। वर्तमान में रूपदेई देवी के पास 25 बकरियां हैं और यह कार्य उनके परिवार की आजीविका का मजबूत आधार बन चुका है। उनकी मेहनत और समर्पण न केवल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में बकरी पालन आज भी आर्थिकी का सशक्त माध्यम है। रूपदेई देवी जैसी महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रही हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं। मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बकरी पालन पर्वतीय क्षेत्र मे एक पारंपरिक व्यवसाय है। ग्रामीण क्षेत्रो मे महिलायों को सरकारी योजनाओ का लाभ पहुचाया जा रहा है जिसे कि उनकी आजीविका मे वृद्धि हो सके।

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