“उत्तरकाशी नगर पालिका सीट पर राजनीतिक सरगर्मियां, अध्यक्ष पद की दौड़ तेज”

उत्तरकाशी: शिव नगरी उत्तरकाशी की नगर पालिका सीट, जो पहले ‘बाड़ाहाट’ नाम से जानी जाती थी, अब राजनीतिक गलियों में चर्चा का विषय बन गई है। पहले यह सीट महिला के लिए आरक्षित थी, लेकिन अब इसे आनन फानन में बदलाव के बाद सामान्य कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद राजनीतिक हलकों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

महिला सीट के आरक्षण में बदलाव और दावेदारों की चर्चा
पहले, जब बाड़ाहाट’ सीट महिला के लिए आरक्षित थी, तो लोगों के बीच यह चर्चा थी कि पूर्व गंगोत्री विधायक स्वर्गीय गोपाल सिंह रावत की धर्मपत्नी शांति रावत, इस सीट से नगर पालिका अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार होंगी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में सामिल हुई पूर्व सभासद सविता भट्ट के नाम की भी चर्चा हुई , लेकिन अब जब सीट सामान्य हो गई है, तो चर्चाएं बदल गई हैं। कई लोग अब इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निजी सहायक और उत्तरकाशी निवासी किशोर भट्ट के नाम से जोड़कर देख रहे हैं।

किशोर भट्ट का बयान
इस बदलाव के बाद किशोर भट्ट का नाम प्रमुखता से सामने आया है। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी जिस भी उम्मीदवार को पालिका अध्यक्ष पद के लिए नामित करेगी, मैं उसका समर्थन करूंगा और भरपूर सहयोग दूंगा। पार्टी द्वारा नाम घोषित किए जाने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह निश्चित है कि मैं पार्टी के किसी भी अधिकृत प्रत्याशी के लिए काम करूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के अन्य सदस्य पार्टी लाइन पर काम करेंगे।

भूपेंद्र सिंह चौहान और दिनेश गौड़ की चर्चा
इस बीच, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौहान के देहरादून में डेरा डालने की खबरें भी सामने आ रही हैं, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे कुछ नई सियासी हलचलें हो सकती हैं। वहीं, कांग्रेस की तरफ से दिनेश गौड़ का नाम नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए प्रमुखता से लिया जा रहा है।
दिनेश गौड़ को लेकर किसने फैलाई अफवाह ?
कहते है राजनीती में कुछ भी संभव है इस तर्ज पर एक चर्चा गली नुक्कड़ पर चलने लगी की किशोर भट्ट के मैदान में रहने पर दिनेश गौड़ चुनाव नहीं लड़ेंगे हालाँकि दिनेश गौड़ ने इसे कोरी अफवाह बताया है उन्होंने बताया कि अगर ऐसा होता तो वे इस पद के लिए दावेदारी ही नहीं करते .

विजयपाल सजवान का बीजेपी में शामिल होना
इस बार के चुनाव में एक और महत्वपूर्ण पहलू है, पूर्व विधायक विजयपाल सजवान का बीजेपी में शामिल होना। पहले कांग्रेस में रहते हुए विजयपाल सजवान के सहयोग के बिना नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतना मुश्किल माना जाता था, लेकिन अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस कैडर के वोट अब किस दिशा का रुख करंगे ये देखना भी दिलचस्प होगा , यह भी देखना दिलचस्प होगा कि उनका बीजेपी में प्रवेश इस चुनाव को किस दिशा में मोड़ता है।
नतीजा
नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में अब कई प्रमुख नाम सामने आ चुके हैं, और राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है। अब यह देखना होगा कि कौन उम्मीदवार इस चुनावी रण में जीत हासिल करता है और किस पार्टी को इस सीट पर सबसे अधिक समर्थन मिलता है।

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