रंत रैबार संस्था का करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित

यमकेश्वर। यमकेश्वर विधानसभा के जनता इण्टर कॉलेज किमसार के सभागार में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य एवं मार्गदर्शन के लिए करियर गाइडेंस व काउंसलिग कार्यक्रम हुआ। इस दौरान करियर काउंसलर व शिक्षाविद्वों ने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दिया। रंत रैबार संस्था द्वारा जनता इण्टर कॉलेज किमसार में आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के 12वीं पास करने के बाद किन क्षेत्रों में करियर बनाया जा सकता है, इस संबंध में करियर काउंसंलरों द्वारा जानकारी दी गई। जिसमें डिफेंस में एनडीए,नेवी, एयर र्फोस, जीड़ी में किस तरह से आवेदन किया जाता है और किस तरह की तैयारी की जाती है। इसी तरह से मेडिकल एवं पैरामैडिकल, नर्सिग क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कोर्सो में कैसे प्रवेश लिया जाता है और आगे इनमें किस तरह से कैरियर की संभावनायें हैं विस्तृत चर्चा की गयी।
दून डिफेंस कैरियर प्वांइट के निदेशक जेपी नौटियाल ने बताया कि सपने एक दिन में पूरे नहीं होते उनके लिए निरंतर प्रयास करने पड़ते हैं। हमें यह तो पता है कि हमें क्या बनना है, लेकिन कैसे बनना यह मालूम नहीं है। उन्होंने छात्रों को बताया कि आपकी लाइफ में महत्वपूर्ण क्या है, यह जानना बहुत जरूरी है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होने बताया कि डिफेंस में कैरियर कैसे बनाया जाता है। जेपी नौटियाल ने विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि एनडीए में फार्म भरने से लेकर अतिंम चयन तक छात्र-छात्राओं को कैसे तैयारी करनी है के बारे विस्तार से समझाया, साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस विद्यालय का कोई भी छात्र या छात्रा जो भी डिफेंस या एनडीए में जाना चाहता है वह मुझसे सम्पर्क कर सकता है, उसे चार माह का निशुल्क कोंचिग उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं के द्वारा डिफेन्स संबंधित सभी जिज्ञासाओं को ध्यानपूर्वक सुना और उस पर उन्हें बेहतर और आसान तरीके सभी जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने कहा कि रंत रैबार संस्था के द्वारा इस तरह के कैरियर कांउन्सलिंग से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में पढ रहे विद्यार्थियों के भविष्य का निर्माण होगा । क्योंकि ग्रामीण परिवेश में इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों में जागरूकता आयेगी और वे अपना कैरियर आसानी से चुन सकते है।
राजकीय नर्सिंग कॉलेज गोपेश्वर की प्राचार्य डॉ ममता कपरूवान ने छात्र-छात्राओं को नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल, पैरामैडिकल, और नर्सिग मे कैरियर बनाने के लिए बहुत बड़ा क्षेत्र है। उन्होने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि यदि आप मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो कक्षा 10वीं में ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं, और अपने लक्ष्य को साधने के लिए आप अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करते हुए मेडिकल क्षेत्र में अपना भविष्य निर्धारित कर सकते हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के वि़द्यार्थियों में भी प्रतिभायें हैं और उन प्रतिभाओं को सही दिशा दी जानी जरूरी है। कैरियर कांउसिल करने से प्रतिभायें जिनको अभी अपना लक्ष्य नहीं मालूम है,वह अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपना कैरियर चुन सकते हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सभी नर्सिग एवं पैरामैडिकल कोर्सों में किस तरह से प्रवेश लिया जाता है क्या योग्यता होनी चाहिए और उनमें वि़द्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित है के सन्दर्भ में विस्तृत संवाद किया। उन्होंने कहा कि रंत रैबार संस्था द्वारा किया गया यह प्रयास दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को आने वाले समय में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा और इस तरह के कार्यक्रमों को किये जाने की आवश्यकता बताई, ताकि छात्रों को अपने कैरियर चुनने में आसानी हो।
राजेन्द्र सिंह रावत एवं उनकी पत्नी सुषमा रावत निवासी ग्राम दिउली ने जनता इण्टर कॉलेज के कक्षा 06 से कक्षा 8 के छात्रों हेतु दिये गये स्कूल बैग रंत रैबार संस्था को उपलब्ध कराये थे, उन बैगों को संस्था के द्वारा विद्यालय के छात्रों को वितरित किया गया जिससे सभी जरूरत मंद छात्र-छात्रायें लाभान्वित हुए। रंत रैबार संस्था से जुड़े हरीश कण्डवाल मनखी एवं सभी सदस्यों तथा विद्यालय के प्राचार्य एवं सभी षिक्षकों ने रावत दम्पत्ति का आभार व्यक्त किया।
रंत रैबार संस्था के सचिव अमित अमोली ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि हम ग्रामीण क्षेत्रों के सभी शासकीय अशासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों को उनके व्यक्त्वि विकास कर उनके कैरियर निर्माण में हर संभव प्रयास किया जाय साथ ही समय समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास कर रहे विद्यार्थीयों को अपना लक्ष्य मालूम नहीं होता है और वह दोराहे पर खडे रहते हैं, उस समय उनको उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होंती है और रंत रैबार संस्था का मुख्य उद्देश्य भी यही हैं विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक बनकर कार्य करते रहे।

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