धंसने में लगा है बाबा केदार का शीतकालीन गद्दीस्थल

रुद्रप्रयाग। बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल को जोड़ने वाला मार्ग धंसने में लगा हुआ है। हर बरसाती सीजन में मार्ग के धंसने से भविष्य के लिए बड़ा खतरा भी पैदा हो गया है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने उप जिलाधिकारी से मामले में त्वरित कार्यवाही की मांग की है।
केदारघाटी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां बाबा केदारनाथ की शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को जोड़ने वाला मार्ग धंस रहा है। मंदिर से कुछ दूरी पर ही भूधंसाव हो रहा है, जो भविष्य के लिए मंदिर के साथ ही आस-पास की बस्ती को भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। मार्ग के जगह-जगह धंसने से आवाजाही बाधित हो गयी है।
स्थानीय लोगों ने उप जिलाधिकारी से मुलाकात की और उहें ज्ञापन सौंपते हुए ओंकारेश्वर मंदिर के अगल-बगल हो रहे भू-धंसाव के बारे में सही ढंग से जानकारी दी। इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव भट्ट ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर के निकट बाजार में स्थित गदेरे के एक तरफ सुरक्षा दीवार ना होने के कारण लगातार गदेरे में कटाव के कारण मंदिर मार्ग भूधंसाव की चपेट में आ गया है। इस सड़क मार्ग पर नीचे गदेरे के दूसरे तरफ कोई भी सुरक्षात्मक दीवार ना होने के कारण लगातार धंसाव की स्थिति बनी हुई है तथा भविष्य में ओंकारेश्वर मंदिर मार्ग, राजकीय इंटर कॉलेज का भवन व कई आवसीय भवनों को धंसाव से भारी नुकसान हो सकता है तथा दूसरी ओर मंदिर मार्ग बाजार के गदेरे के ऊपरी छोर पर स्थित सार्वजनिक शौचालय के भवन पर भी मोटी दरारें पड़ने से शौचालय खतरे की जद में आ चुका है। साथ ही मंदिर पैदल मार्ग भी जगह-जगह धंसने व रास्तों में दरारें पड़ने से ओंकारेश्वर मंदिर पैदल मार्ग कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। भट्ट ने प्रशासन व संबंधित विभाग से मांग करते हुए कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर के निकट बाजार गदेरे से नीचे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ तक गदेरे के दूसरी छोर तक सुरक्षात्मक दीवार लगाई जाए और मंदिर बाजार गदेरे के ऊपरी छोर पर सुलभ शौचालय व क्षतिग्रस्त मंदिर पैदल मार्ग पर सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। मामलों में उप जिलाधिकारी ऊखीमठ ने संबंधित विभाग को तत्काल करवाई करने को आदेशित किया है। ज्ञापन में व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव भट्ट, कनिष्ठ उप प्रमुख ऊखीमठ प्रदीप त्रिवेदी, वन सरपंच ऊखीमठ पवन राणा, महिला मंगल अध्यक्ष आरती शैव, पूर्व सभासद बलवंत रावत आदि थे।