गुलदार का शिकार हुई आइसा को नम आंखों से दी गई विदाई

श्रीनगर। गुलदार का शिकार हुई आइसा को ग्रामीणों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीण जब तक गुलदार को मारने के आदेश नहीं दिया जाता, तब तक आइसा का अंतिम संस्कार न करने की मांग पर अड़ गए थे। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई करने से भी मना कर दिया था। ऐसे में मामला बिगड़ता देख प्रशासन और वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने का आश्वासन दिया। जिसके बाद ही आइसा का अंतिम संस्कार किया गया।
गौर हो कि बीती 5 सितंबर को श्रीनगर के ढिकाल गांव में 3 साल की आइसा पुत्री गणेश नेगी आंगन में खेल रही थी। तभी गुलदार ने घात लगाकर बच्ची पर हमला कर दिया। जब तक परिजन कुछ कर पाते गुलदार बच्ची को घसीट कर काफी दूर ले जा चुका था। कुछ ही देर में आइसा की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला। जबकि, बच्ची के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। ग्रामीणों ने आइसा का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया, लेकिन वन कर्मियों और प्रशासन के मान मनौव्वल के बाद देर शाम आइसा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ढिकाल के ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक महीने से इलाके में गुलदार की दहशत बनी हुई है। कई बार गुलदार लोगों को दिखाई दिया था। इसके अलावा गुलदार के शावक भी नजर आए थे। जिसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसका खामियाजा तीन साल की आइसा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता केसर सिंह नेगी ने कहा कि गुलदार की सक्रियता के मामले में वन विभाग पहले से ही लापरवाह बना रहा। विभाग को कई बार कहने के बावजूद भी गुलदार को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में श्रीनगर, चौरास समेत 20 से ज्यादा गांवों में गुलदार की दहशत है। ग्रामीण बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं।
मामले में उप प्रभागीय वन अधिकारी लक्की साह का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए 2 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें 12 सदस्य शामिल हैं, जो दिन रात गांव के आस पास गश्त करेंगे। साथ में कैमरा ट्रैपिंग, ड्रोन कैमरों की भी मदद गुलदार को पकड़ने के लिए ली जा रही है।
श्रीनगर उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहती तो गुलदार को मार दिया जाएगा। बच्ची के परिजनों को मुआवजे के रूप में 30 फीसदी धनराशि दे दी गई है। जबकि, 70 फीसदी धनराशि देने की कार्रवाई गतिमान है।

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