संन्यास दिवस पर श्री महंत रीमा गिरी ने दिया मानवता के नाम संदेश

रूड़की । भवानी शंकर आश्रम में चल रही श्रीमद भागवत कथा का आज भव्य समापन हुआ। इस शुभ अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसी के साथ आज श्री महंत रीमा गिरी जी का संन्यास दिवस भी मनाया गया, जिन्हें संन्यास लिए 47 वर्ष पूर्ण हो गए हैं।
इस विशेष दिन पर, श्री महंत रीमा गिरी जी ने मानवता के नाम एक गहरा संदेश दिया। उन्होंने कहा, ष्आज के युग में जब मानव समाज अनेक चुनौतियों और विघ्नों से जूझ रहा है, तब श्रीमद भागवत कथा का पाठ हमें न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह हमें धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की सही दिशा भी दिखाता है। हमें अपने दैनिक जीवन में भागवत धर्म के सिद्धांतों को उतारना चाहिए ताकि हम समाज में प्रेम और सहयोग का वातावरण बना सकें। उन्होंने आगे कहा कि इस समय में प्रकृति और मानव के बीच, और मानवों के मध्य, प्रेम और सामंजस्य की आवश्यकता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। हमें यह समझना होगा कि हमारी भलाई प्रकृति के साथ हमारे संतुलन पर निर्भर करती है। इसलिए, प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने और एक-दूसरे के प्रति करुणा रखने का प्रयास हम सभी को करना चाहिए।

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