आंदोलन लोगों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी

ऋषिकेश। विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामले के दोषियों पर कार्रवाई और अंकिता हत्याकांड के बाद चर्चा में आए वीआईपी के नामों को उजागर करने को लेकर विभिन्न संगठनों के लोग धरने पर डटे हैं। आंदोलन के 25 दिनों के बाद भी उनकी मांगों पर कार्रवाई न होने पर आक्रोश जताते हुए प्रदर्शनकारियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
समिति संयोजक हिमांशु रावत ने कहा के पहाड़ के ज्वलंत मुद्दे आज भी जस के तस हैं। जनप्रतिनिधि और सरकार के नुमाइंदे जनहित से जुड़े मामलों की अनदेखी कर रहे हैं, इससे जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। चेताया कि जल्द मामले में सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। धरने पर गोकुल रमोला, डॉ. उमा भट्ट, सतीश धौलाखंडी, इंद्रेश नौटियाल, कमलेश खंतवाल, लक्ष्मी बुड़ाकोटि, शीला ध्यानी, रामेश्वरी चौहान, लक्ष्मी, सर्वेश्वरी, जया डोभाल, दीपा कपूरवान, सरोजनी रावत, सुभाष जखमोला, प्रदीप जैन, उमंग देवरानी, शीशराम कंसवाल, गौरव राणा, सौरभ वर्मा, इमरान सैफी, हिमांशु कश्यप, हर्ष कुमार, तरूण त्यागी, हरभजन सिंह, रवि राणा, सुमित त्यागी, आरपी भारद्वाज, भगवती चमोली, शांति कंडवाल, हिमांशु रावत, हरभजन चौहान, संजय सिलस्वाल, प्रमिला जोशी, अशुतोष डंगवाल, कुसुम जोशी, विजय पंवार आदि मौजूद रहे।

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