हिंदवी कैंपस कविता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ऋषिकेश। रेख्ता फाउंडेशन और हिंदी विभाग की ओर से हिंदवी कैंपस कविता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हिंदी साहित्य को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया गया। साहित्यकारों ने कहा कि समाज को नई दिशा और दशा साहित्य ही दे सकता है।
शहीद दुर्गामल्ल पीजी कॉलेज में आयोजित साहित्य के कार्यक्रम हिंदवी कैंपस कविता के पहले सत्र में सरदार पूरण सिंह को समर्पित रखते हुए उनके साहित्य को लेकर चर्चा की गई। बताया गया कि जाने माने अध्यापक और साहित्यकार की कर्मभूमि डोईवाला ही रही है। साहित्य जगत से जुड़े लेफ्टिनेंट जनरल जसवीर सिंह ढिल्लो ने बताया कि साहित्यकार पूरण सिंह एफआरआई में केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर और जाने माने निबंधकार रहे हैं। डॉ. डीपी सिंह ने उनके आचरण की सभ्यता निंबध का वर्णन करते हुए कहा कि यह उनके साहित्यिक दृष्टिकोण को परिभाषित करता है।
पंजाब से आए सुखदेव सिंह सिरसा ने विस्तार से उनकी आलोचनात्मक दृष्टिकोण की व्याख्या की। आईआईटी रुड़की के प्रो. रहे गुरुशरण सिंह रधांवा ने कहा कि तमाम साहित्यकार पूरण सिंह के लेखन से प्रभावित हुए। दूसरे और तीसरे सत्र में प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र ने संवाद और काव्य पाठ किया। कहा कि काव्य रचना करना आत्म साक्षात्कार है। इस अवसर पर डॉ. धीरेंद्र नाथ तिवारी, प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल, सपना भट्ट, सोनिया नौटियाल, अंजलि राणा, पूजा भट्ट, कालेज, प्राची सेमवाल, लोकेश जोशी, लोकेंद्र भंडारी, ऋतु रावल, आयुष ध्यानी, डॉ. डीएन तिवारी, डॉ. आरएस रावत, डॉ. प्रमोद पंत, डॉ.अफरोज इकबाल, छात्र संघ अध्यक्ष राजकिरण शाह आदि मौजूद थे।

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