सिफन कोर्ट के बेघरों को पुनर्वासित करने की मांग, एक मार्च से आंदोलन की चेतावनी दी
मसूरी। शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति, मसूरी ने शहीद स्थल पर सांकेतिक धरना दिया व आवासहीन मजदूरों को आवास देने की मांग की। इस संबंध में एक ज्ञापन निदेशक शहरी विकास विभाग भेजकर एक माह के भीतर शिफनकोर्ट वासियों को पूर्व स्थल शिफनकोर्ट पर ही पुर्नवासित करने की मांग की है वहीं चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं की जाती है तो एक मार्च से व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
शहीद स्थल पर शिफनकोर्ट से बेघर किए गए लोगों ने सांकेतिक धरना दिया और नगर पालिका के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। समिति ने बताया कि शासन द्वारा गत 9 जनवरी को निदेशक शहरी विकास को पत्र भेजकर ट्राली प्रोजेक्ट के लिए शिफनकोर्ट से हटाए गए मजदूर परिवारों के लिए आवास या 50-50 गज भूमि के पट्टे देने की कार्यवाही पूरी करने को कहा है। मगर निदेशक शहरी विकास विभाग लगातार चुप बैठा हुआ है। अब 3 साल होने को हैं लेकिन शिफनकोर्ट पर रोपवे निर्माण का एक पत्थर तक नहीं लगा और नहीं वहॉ पर रोपवे बनने के आसार नजर आ रहे हैं। इस मौके पर पालिका सभासद गीता कुमाई ने कहा कि पालिकाध्यक्ष जब शहर में दुकानें पार्किंग बना रहे हैं तो इनको आवास क्यों नहीं दे रहे। वहीं व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि तीन साल बाद भी सिफन कोर्ट के बेघरों को आवास नहीं दिए गये। समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि गत तीन सालों से सिफन कोर्ट के मजदूर बेघर है सरकार की ओर से पचास गज जमीन देने की बात कही गई है लेकिन अगर शीघ्र नहीं मिला तो एक मार्च से आंदोलन किया जाएगा। बैठक में शामिल होने वालों में समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा, महासचिव राजेन्द्र सेमवाल, राज्य आन्दोलनकारी प्रदीप भण्डारी, पालिका सभासद गीता कुमाईं, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, पूर्व सभासद केदार चैहान, बिल्लू वाल्मीक, अनीता सक्सेना, विनोद लाल, रजनी देवी, सरस्वती, लक्ष्मी देवी, सुषमा देवी, दयाल सिंह, सम्पत्ति लाल समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।