वात्सल्य सेवाएं प्रदान बच्चों में निखर सकती है प्रतिभाः श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। श्रीकृष्ण निवास आश्रम हरिद्वार में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद गिरि महाराज की दसवीं पुण्य स्मृति मनाई गई। संत, महंतों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पुण्यतिथि के उपलक्ष में दिव्य वात्सल्य ग्राम का उद्घाटन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने किया।
श्रीमंहत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा निखरने का कार्य उन्हें उचित वात्सल्य सेवाएं प्रदान करके किया जा सकता है। आज के बच्चे ही कल के समाज के भविष्य हैं। इस अवसर पर स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बच्चों को वात्सल्य सेवाओं में उचित शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। क्योंकि एक शिक्षित वर्ग ही कल के अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकता है। बच्चे शिक्षित होंगे तो देश को और समाज को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर गिरी महाराज ने कहा कि गुरुदेव महाराज की इच्छा यह रही है की समाज में वात्सल्य सेवाओं से वंचित बच्चों को भी उचित वात्सल्य सेवाएं मिलनी चाहिए। उनकी इच्छा आज पूर्ण की गई है। दिव्य वात्सल्य ग्राम में 125 बच्चों को वात्सल्य सेवाएं प्रदान करने का संकल्प लिया गया है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद गिरि महाराज, म.मं. स्वामी देवेन्द्रानन्द गिरि महाराज, म.मं. स्वामी विद्या गिरि महाराज, म.मं. स्वामी विवेकानन्द गिरि महाराज, महन्त स्वामी अदित्य पुरी महाराज थाणापति महानिर्वाणी अखाड़ा प्रयागराज आदि उपस्थित रहे।

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