अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है श्रीमद् भागवत कथाः स्वामी रविदेव शास्त्री

हरिद्वार। श्री साधु गरीबदासीय धर्मशाला सेवा आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा प्रारंभ से पूर्व मायापुर स्थित गणेश घाट से आश्रम परिसर तक बैंड बाजो के साथ महिलाओं और श्रद्धालुओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान की अविरल धारा है। जिसे जितना ग्रहण करो उतनी ही जिज्ञासा बढ़ती है और प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। भक्त और भगवान की यह कथा व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाती है और मानव जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। वास्तव में श्रीमद् भागवत देवताओं को भी दुर्लभ है। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी दिनेश दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। और कलयुग में भी इसके साक्षात प्रमाण देखने को मिलते हैं। गंगा तट पर कथा श्रवण का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। इसलिए सभी को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा के माध्यम से व्यक्ति अपना जीवन भवसागर से पार लगा सकता है। इस दौरान डॉ पदम प्रसाद सुवेदी, लोकनाथ सुवेदी, महंत श्रवण मुनी, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत निर्मल दास, आचार्य रामचंद्र, नवीन चंद्र लाभशंकर, जगदीश चंद्र लाभशंकर, रौनक भट्ट, कोमल भट्ट जैनिता, नंदीका, भाविक भट्ट, हिरल, कृष्णा, साची, परम, हेतवी, किया सहित कई संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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