आरसीएम की रूपांतरण यात्रा में नवोद्यमियों की सहभागिता को दून में मिला जबरदस्त जनसमर्थन

देहरादून। आरसीएम की राष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा के शुभारंभ के बाद से अब तक लाखों नवोद्यमी इससे जुड़ चुके हैं, जो कंपनी की जन-आधारित विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यात्रा का नवीनतम पड़ाव देहरादून रहा, जहां हजारों नागरिकों ने स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार को बढ़ावा देने वाली विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की।
देहरादून और इससे पहले आयोजित कई शहरों में लाखों लोगों की भागीदारी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 75 शहरों की इस यात्रा के आगामी23 दिसंबर को समापन तक इसकी पहुँच लगभग एक मिलियन लोगों तक हो सकती है।
कार्यक्रम में युवाओं, महिलाओं और परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने रक्तदान किया और स्वस्थ जीवनशैली व आत्मनिर्भरता के बारे में जानकारी प्राप्त की। लोगों का सामूहिक उत्साह इस बात का प्रमाण था कि वे केवल उपस्थित होने के लिए नहीं, बल्कि निःस्वार्थ योगदान देने के लिए आगे आए-यह दर्शाता है कि यात्रा किस प्रकार लोगों को स्वास्थ्य , सेवा और संस्कार के तीन मूल स्तंभों पर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है।
उत्तराखण्ड आरसीएम की विकास यात्रा में एक विशेष स्थान रखता है। राज्य ने हमेशा आरसीएम की पहलों के प्रति मजबूत जुड़ाव दिखाया है, जो यहां के लोगों के विश्वास और सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गत 16 सितंबर को रूपांतरण यात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक 20,000 से अधिक लोग आरसीएम परिवार से जुड़ चुके हैं, जिससे कंपनी के दो मिलियन से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स के नेटवर्क को और मजबूती मिली है। जैसे-जैसे यात्रा अन्य शहरों की ओर अग्रसर है, यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी के नेटवर्क का यह विस्तार न केवल सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, बल्कि महिलाओं, युवाओं और नवोद्यमियों को स्थायी स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में आरसीएम के प्रयासों को भी प्रतिबिंबित करता है।
विशेष रक्तदान शिविर में लोगों की भारी भागीदारी रही, जिससे अब तक यात्रा के दौरान 2,000 से अधिक दाताओं का आंकड़ा पार हो चुका है। कार्यक्रम में नागरिकों को स्वस्थ और जिम्मेदार जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली जन-जागरूकता गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। देहरादून के लोगों ने इस यात्रा का भव्य स्वागत किया। हजारों लोग मां दुर्गा मंदिर ग्राउंड, केदारपुरम एमडीडीए कॉलोनी, दून यूनिवर्सिटी के पास, देहरादून में आयोजित इस आयोजन में शामिल हुए।
इस यात्रा का प्रभाव प्रतिभागियों की साझा कहानियों में झलकता है। एक प्रतिभागी ने, जिन्होंने दो दशकों के बाद रक्तदान किया, इसे अत्यंत संतोषजनक अनुभव बताया। एक अन्य प्रतिभागी ने बताया कि चावल की भूसी के तेल के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी उनके लिए एक नई सीख थी।
कार्यक्रम दो भागों में संपन्न हुआ-सुबह स्वास्थ्य और सेवा से जुड़ी गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जबकि शाम को उत्सव और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया।

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