सीएम ने तीन साल में बने निवास प्रमाण पत्रों की सख्ती से जांच करने के दिए आदेश
देहरादून। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्रवाई के सख्त आदेश दिया है। जिसके बाद से प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। उत्तर प्रदेश से सीमा लगने वाले जिलों पर सीएम धामी खुद नजर बनाए हुए है। जिन जिन जनपदों की सीमा उत्तर प्रदेश से लगी हुई है वहां पर सीएम के आदेश पर प्रशासन सत्यापन अभियान चला रहा है। अवैध व फर्जी प्रमाण पत्रों से स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने वालों पर पुलिस व प्रशासन मिलकर कार्रवाई कर रहा है। गत दिवस भी हल्द्वानी में 48 निवास प्रमाण पत्र निरस्त किए गए हैं।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हाल ही में फर्जी दस्तावेज लगाकर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया था। इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते तीन सालों में बने स्थायी निवास प्रमाण पत्र की जांच के आदेश दिए थे। नैनीताल जिलाधिकारी के निर्देश के बाद हल्द्वानी तहसील में पिछले पांच साल में बने स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। प्रथम चरण में बनभूलपुरा क्षेत्र के बने स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। 200 प्रमाण पत्रों में 48 प्रमाण पत्रों में लगाए गए दस्तावेजों में संदिग्धता पाई गई है। जिसके बाद एसडीम ने 48 स्थायी निवास प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है। फर्जी दस्तावेज लगाकर स्थाई निवास बनाने के मामले में ज़िले की हर तहसील में जांच जारी है। नैनीताल क्ड के निर्देश पर जनपद की सभी तहसीलों में पिछले पांच साल में बनाए गए स्थाई निवास के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसी क्रम में हल्द्वानी तहसील में पांच सालों में बने 150-200 स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच के दौरान 48 ऐसे स्थाई निवास प्रमाण पत्र बने हैं, जिनमें लगे डॉक्यूमेंट में जांच टीम को संदिग्धता प्रतीत हुई है। एसडीएम हल्द्वानी ने फ़र्ज़ी पाए गए सभी 48 स्थायी निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया पहले चरण में हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के स्थाई निवास प्रणाम की जांच की जा रही है। जांच में फोन नंबर से लेकर उनके दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व कुमाऊं कमिश्नर के जनता दरबार में शिकायत मिली थी कि फर्जी डॉक्यूमेंट से दो माह पूर्व बरेली से आए एक व्यक्ति का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बन गया है। जब कमिश्नर द्वारा मामले की गोपनीय जांच कराई गई तो जानकारी में आया कि हल्द्वानी तहसील में अरायजनवीस (दस्तावेज़ लेखक) द्वारा उसका स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाया गया था। इसके बाद कमिश्नर दीपक रावत ने बनभूलपुरा क्षेत्र के एक सीएससी सेंटर में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान कमिश्नर दीपक रावत को सीएससी सेंटर में कई दस्तावेज मिले, जिसके बाद उन्होंने आरोपी अरायजनवीस फैजान और कथित लाभार्थी लईक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में यूपीसीएल के एक कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई थी। बनभूलपुरा पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ा खुलासा, सामने आई अवैध सोसाइटी की संलिप्तता, केस दर्ज
हल्द्वानी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थाई निवास प्रणाम पत्र बनाने के मामले में जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सत्यापन के दौरान अंजुमन मोमिन अंसार सोसाइटी आजाद नगर नैनीताल की जारी किए गए कथित प्रमाण पत्र के एड्रेस सत्यापन के दौरान सोसाइटी अपने पंजीकृत एड्रेस पर नहीं पाये गये। जांच में पता चला कि आरोपी रईस अहमद अंसारी फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बना रहा था।
प्रमाण पत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान एक और फर्जी मामला सामने आया है। जांच के दौरान आवेदन में अंजुमन मोमिन अंसार सोसाइटी आज़ाद नगर, नैनीताल द्वारा जारी कथित “ प्रमाणपत्र” प्रस्तुत किया जाना पाया गया है। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी, एसडीएम हल्द्वानी तथा तहसीलदार हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने सोसाइटी के पते का सत्यापन किया, मगर सोसाइटी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद नहीं पाई गयी। स्थानीय जांच में तथ्य सामने आया कि रईस अहमद अंसारी साहूकर लाइन में दुकान चलाते हैं। वही सोसाइटी के नाम पर अवैध रूप से प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।
मौके पर पूछताछ में रईस अहमद अंसारी ने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2007 से ऐसे प्रमाण पत्र जारी कर रहा है। रिकॉर्ड सत्यापन में पाया गया कि सोसाइटी वर्ष 2007 से रिन्यू नहीं हुई है। सोसाइटी के अध्यक्ष एवं महासचिव की मौत हो चुकी है। सोसाइटी अवैध स्थिति में है। इसके बावजूद एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सोसाइटी का संचालन कर अवैध प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे है।
ऐसे प्रमाणपत्रों का उपयोग कई व्यक्तियों ने जाति, जन्म एवं निवास प्रमाण के रूप में किया जा रहा था। सोसाइटी को ऐसे किसी प्रमाणपत्र जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है। एसडीएम हल्द्वानी ने तहसीलदार को निर्देशित किया है कि ऐसे प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों की जांच तत्काल की जाए। टीम ने संबंधित सभी दस्तावेज सीज़ कर लिए हैं। एसडीएम हल्द्वानी ने अवैध प्रमाणपत्र जारी करने में संलिप्त व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किये हैं। साथ ही सोसाइटी से संबंधित सभी विवरणों एवं गतिविधियों की जांच भी जारी है।
