राशन विक्रेताओं का उत्पीड़न कर रही राज्य सरकारः मनीष

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मनीष कुमार ने आज राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार लगातार राशन विक्रेताओं का उत्पीड़न करने में लगी हुई है। कमीशन के नाम पर विक्रेताओं को छला जा रहा है ऊंट के मुंह में जीरे की तरह कमीशन दिया जा रहा है जो कि  इतनी महंगाई में नाकाफी है। राशन विक्रेताओं को कम से कम ₹30000 मानदेय प्रतिमाह राज्य सरकार को देना चाहिए, बायोमेट्रिक राशन वितरण को लेकर भी विक्रेताओं पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है जबकि बायोमेट्रिक में कई लोगों के अंगूठे के निशान नहीं आते जैसे किसान, मजदूर, बुजुर्ग, विकलांग आदि।
लैपटॉप चलाने के लिए आज तक इंटरनेट के नाम पर ₹1 भी राशन विक्रेताओं को नहीं दिया गया है कई वर्षों से राशन विक्रेता अपने खर्चे पर हीइंटरनेट चला रहे हैं जबकि कम से कम ₹400 महीने का इंटरनेट हर महीने लगता हैअकेले राशन विक्रेता 5 ,6 काम कर रहा है विभाग की ओर से एक भी सहयोगी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा इसके बावजूद राशन विक्रेता ने पूरे कोरोना काल में राशन वितरण किया अपनी जान जोखिम में डालकर। जहां एक ओर सरकारी कर्मचारी 50 से ₹70000 की तनख्वाह ले रहे हैं वहीं राशन विक्रेताओं को मात्र 10 ₹ 12000 महीने के कमीशन में लाखों लोगों को राशन वितरण कराया जा रहा है जितना जनता के संपर्क में राशन विक्रेता रहते हैं उतना कोई भी कर्मचारी नहीं रहता परंतु आज राशन विक्रेताओं का राज्य सरकार उत्पीड़न करने में लगी हुई है। अगर सरकार ने राशन विक्रेताओं का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो कांग्रेस कार्यकर्ता राशन विक्रेताओं के संग लामबंद होकर सरकार के विरोध आंदोलन करेंगे।

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