अब सीएम धामी के ऑपरेशन कालनेमि के फैसले की दिल्ली तक चर्चा

देहरादून। प्रदेश में इन दिनों ऑपरेशन कालनेमि सुर्खियों में बना हुआ है। जिसके तहत देहरादून, हरिद्वार और अन्य जिलों में पुलिस ने सख्त एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के निर्देश पर शुरू हुआ यह अभियान 24 घंटे के अंदर बेहद बड़ा हो गया है। राजधानी देहरादून में हर एक घंटे में दो फर्जी भगवाधारी पुलिस की गिरफ्त में आ रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद पर बैठने के बाद पुष्कर सिंह धामी कई फैसले ऐसे ले चुके हैं, जो चर्चा का विषय रहे हैं। गुरुवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लैंड जिहाद, लव जिहाद, मजार जिहाद के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के बाद ऑपरेशन कालनेमि लॉन्च किया है। जिसके तरह पूरे प्रदेश में फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई हो रही है। वहीं सीएम धामी के हिंदूवादी छवि की चर्चा देहरादून से दिल्ली तक खूब होती है।
सरकार के ऑपरेशन कालनेमि का फैसला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। कालनेमि नाम से चलाई जा रहे इस ऑपरेशन में उत्तराखंड पुलिस शहर, गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे और जंगलों के आसपास ऐसे भगवा भेषधारियों को पकड़ रही है, जिनका सनातन से कोई सरोकार नहीं है। धार्मिक वेशभूषा पहनकर लोगों को ठगने और धोखा देने का काम करने वाले ऐसे लोगों को पुलिस चिन्हित कर सख्त कार्रवाई कर रही है। कई बार देखा गया है कि असामाजिक तत्व भी भगवा वेषधारण कर लेते हैं। जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो जाती है।
राजधानी देहरादून में 24 घंटे के भीतर 48 ऐसे फर्जी भगवाधारी को गिरफ्तार किए गए हैं, जो अपनी पहचान छिपाकर या फिर अन्य राज्यों से यहां आकर वेष बदलकर लोगों से ठगी कर रहे थे। 11 जुलाई को देहरादून पुलिस ने ऐसे 25 लोगों को गिरफ्तार करके संबंधित धाराओं में चालान किया था, जबकि 12 जुलाई को आधे दिन में ही 23 लोगों को गिरफ्तार किया था। देहरादून के अलावा हरिद्वार में भी 24 घंटे के भीतर 45 ऐसे फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार करके चालान किया गया था। वहीं 66 लोग उधम सिंह नगर में पकड़े गए हैं। लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार इनको पकड़कर पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है।
राजधानी देहरादून के एसएसपी अजय सिंह की मानें तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के तहत उन्हीं लोगों को पकड़ा जा रहा है जो लोगों से ठगी कर रहे हैं। गली-मोहल्लों में घूम रहे ऐसे लोगों को पुलिस पकड़कर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में अगर कोई सही में साधु-संत, फकीर व फक्कड़ है तो उसके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध के तहत भगवा वस्त्र धारण कर रहा है या फिर लोगों को प्रलोभन दे रहा है और उसके एवज में पैसे ले रहा है तो उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 170 के तहत कार्रवाई की जा रही है। पकड़ने के बाद सभी लोगों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा रहा है। कोर्ट का काम है कि ऐसे ढोंगी बाबाओं को बेल देनी हैं या आगे की कार्रवाई करनी है। हम अपनी तरफ से सभी कानूनी पहलुओं को पूरा करके इस मामले में आगे बढ़ रहे हैं।