पर्यावरण मित्र को सूचना आयोग ने दिलाया न्याय

देहरादून। हरिद्वार जिले की रूड़की निवासी शारदा देवी वर्ष 2019 में नगरनिगम रूड़की से पर्यावरण मित्र के रूप में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुई। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भविष्य निधि, उपार्जित अवकाश आदि को जो भुगतान हुआ उस पर उन्हें कम भुगतान प्राप्त होने का संदेह हुआ क्योंकि उनके अन्य सहयोगियों को अधिक भुगतान प्राप्त हुआ था। शारदा देवी ने सूचना का अधिकार का इस्तेमाल कर नगर निगम से अपनी नियुक्ति के समय से सेवानिवृत्ति तक अपने भविष्य निधि आदि की जानकारी प्राप्त की। प्राप्त सूचनाओं और अपीलार्थी को प्राप्त भुगतान में भिन्नता पाए जाने पर अपीलार्थी द्वारा आयोग के समक्ष द्वितीय अपील की गई। राज्य सूचना आयोग द्वारा 5 फरवरी 2021 को नगर निगम रूड़की को निर्देशित किया गया कि अपीलार्थी को दिए गए अभिलेखों एवं भुगतान का पुनः परीक्षण कर भिन्नता की स्थिति स्पष्ट करें। आयोग ने 45 दिन का समय निर्धारित करते हुए सभी सूचना प्रमाणित कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, लेकिन नगरनिगम रूड़की द्वारा अनुपालन नहीं किया गया। अपीलार्थी द्वारा इस संबंध में 25 मई 2022 को धारा 18 के अंतर्गत राज्य सूचना आयोग में शिकायत की गई। राज्य सूचना आयोग ने सुनवाई करते हुए आयोग के निर्देशों पर अमल न किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। प्रश्नगत प्रकरण पर उन्होंने अपीलार्थी के भविष्य निधि फंड एवं उपार्जित अवकाश की गणना किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही आयोग के निर्देशों की अवहेलना में संबंधित अफसरों का जवाब तलब किया। नगर निगम द्वारा पुनःगणना में भिन्नता स्वीकारने पर आयोग ने उनका आगणन कर अपीलार्थी को अगली तिथि तक भुगतान के निर्देश दिए। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देशों के क्रम में नगर निगम रूड़की द्वारा तीन अलग-अलग चेकों के माध्यम से 62,642 रुपये, 56,560 रुपये, 6,405 रुपये कुल 1,25,587 रूपये का भुगतान किया गया। रूड़की नगर निगम के लोक सूूचना अधिकारी द्वारा प्रमाणित सहित आयोग को इससे अवगत कराया गया। अपीलार्थी शारदा देवी ने इसकी पुष्टि करते हुए अवशेष भुगतान के लिए आयोग को धन्यवाद दिया, साथ ही प्रश्नगत प्रकरण में संबंधित पर कोई भी कार्यवाही न किए जाने का अनुरोध किया। लोक सूचना अधिकारी सहायक नगर आयुक्त नगर निगम रूड़की को भविष्य के लिए सचेत किया गया कि वह सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अनुुरोध पत्रों का समयान्तर्गत निस्तारण करना सुनिश्चित करें। निगम में समयान्तर्गत निस्तारण करना सुनिश्चित करें। निगम में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश, जीपीएफ इत्या िअवशेषों को भुगतान मानवीय आधार पर प्राथमिकता देते हुए किया जाना चाहिए। नगर आयुक्त से अपेक्षा की गई कि इस प्रकार की ़त्रुटि की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो। नगर आयुक्त को चेतावनी दी गई कि भविष्य में आयोग के निर्देशों की अनदेखी अवहेलना की चेष्टा न की लाए। प्रथम अपील का निस्तारण पूर्ण जिम्मेदारी के साथ किया जाए ताकि आम व्यक्ति को सूचना के लिए चक्कर न काटने पड़ें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *