मानवाधिकार संगठन ने छात्रों के लिए आयोजित की निबंध प्रतियोगिता

देहरादून। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा भगवान महावीर के 2550 में निर्वांण वर्ष के शुभ अवसर पर संगठन के अध्यक्ष सचिन जैन के आग्रह पर टर्निंग प्वाइंट स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने भगवान महावीर के जीवन चरित्र पर विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों से बच्चों को जोड़ना और उनके अंदर धर्म प्रभावना का विकास करना है, ताकि बच्चे धर्म से जुड़े और जैसा कि भगवान महावीर का संदेश है जियो और जीने दो उसे पर अमल करते हुए कोई भी जीव हिंसा करने से बचें।
अपना कल्याण करें अपनी इंद्रियों को वश में करें। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओतप्रोत था। एक लँगोटी तक का परिग्रह नहीं था उन्हें। हिंसा, पशुबलि, जाति-पाँति के भेदभाव जिस युग में बढ़ गए, उसी युग में पैदा हुए महावीर और बुद्ध। दोनों ने इन चीजों के खिलाफ आवाज उठाई। दोनों ने अहिंसा का भरपूर विकास किया। हमें भी किसी भी प्रकार की हिंसा से बचना चाहिए चाहे वह भाव हिंसा हो घरेलू हिंसा हो ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए जिससे किसी के मन को ठेस पहुंचे। अपनी वाणी से कटु वचन न बोलकर अहिंसा का पालन करना चाहिए। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन, सारिका चौधरी, प्रधानाचार्या जीनत निशा अध्यापिका एवं संगठन के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *