बालिकाओं को दिया जा रहा ऐपण कला पेंटिंग का प्रशिक्षण
देहरादून। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा गुरु-शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण प्रोग्राम के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे वे भविष्य में इस कला को संजोये रखते हुए अपने स्वरोजगार का साधन बना सकें। जिले के दशोली विकासखंड के सगर गांव में क्षेत्र की 30 बालिकाओं को उत्तराखंड की ऐपण कला पेंटिंग का 60 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे भविष्य में इस कला के माध्यम से अपना जीविकोपार्जन कर सकें। साथ ही इस विरासत को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने लिए मार्गदर्शन का भी काम कर सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक नंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि इस प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वालांें को 15 हजार रूपये व सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। मास्टर ट्रेनर रिंकी रावत व संजय बिष्ट ने कहा कि हैंड मेट एपण उत्तराखंड का फोक आर्ट है, जो विशेषकर शादी विवाह में बनाया जाता है। इस प्रशिक्षण से बालिकाएं भविष्य में अपना स्वरोजगार शुरु कर सकती हैं और अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग को बेच सकती हैं। प्रशिक्षण ले रही सोनी, रिया व सुषमा बिष्ट ने कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें भविष्य में रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा एपण कला को जीआई टैग दिया गया है, जिसके माध्यम से उत्तराखंड की इस कला का देश-दुनिया में प्रचार प्रसार भी हो सकंे।