उत्तराखंड में बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त

देहरादून। उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा भी प्रभावित हो रही है। बीते दो दिनों से केदार घाटी में झमाझम बारिश हो रही है। बारिश के कारण पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। इसीलिए केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग पर जगह-जगह रोका जा रहा है। चंपावत के पाटी विकासखंड में चार मकान जमींदोज हो गए है। जिससे चार लोग दब गए थे एक की मौक पर मौत हो गई है जबकि तीन को रेस्क्यू अभियान चलाकर निकाला गया है।
राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार चंपावत जिले के पाटी विकासखंड के ग्राम ढोरज में माधवी देवी पत्नी पीतांबर भट्ट गौशाला में दबने से मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर राजस्व विभाग की टीम मौके को रवाना किया गया है। इधर जिले के लोहाघाट रौसाल क्षेत्र के माटीयानी में 2 मकानों में स्लाइड आने से 4 व्यक्ति के दबने की सूचना मिल रही है। प्रशासन ने जिनमें से 3 को सकुशल निकाल लिया है, जिसमें 2 बच्चे बताए जा रहे हैं, एक महिला की खोजबीन जारी। उप जिलाधिकारी व राजस्व एवं पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है। इधर बारिश से जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग सहित दर्जनों ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए बंद हो गए हैं। दो दिन से लगातार हो रही भारी बारिश से करोड़ों रुपए का हुआ नुकसान। अभी तक मकान ढहने से पांच व्यक्तियों के दबने की सूचना प्राप्त हो रही है। जिसमें से एक महिला की मौत हो हो गई है जबकि अन्य की खोजबीन की जा रहीं है। एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद हैं। लगातार हो रही वर्षा से पट्टी क्षेत्र चोड़ापिता में, ग्राम भींगरारा में ऐरी मन्दिर के पास लैंड स्लाइड हुआ है। जिसमें एक दो मंजिला मकान जमीजोद हो गया है। किसी प्रकार की क्षति की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। निगरानी जारी है।
दरअसल, बीती 31 जुलाई को केदारघाटी में भारी बारिश के कारण बड़ी आपदा आई थी। इस आपदा में केदारनाथ पैदल मार्ग भी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। वहीं, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे भी सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पूरी टूट गया था। जिसे बड़ी मुश्किल से छोटी गाड़ियों की आवाजाही के लायक बनाया गया था। वहीं, पैदल मार्ग पर भी यात्रियों को बड़ी सावधानी से भेजा रहा था, लेकिन बीते दो दिनों से केदार घाटी में हो रही बारिश के कारण फिर से यात्रा प्रभावित हुई है। केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगहों पर बाधित हो गया। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर सोनप्रयाग के बाद जगह-जगह श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। मार्ग को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। 31 जुलाई की आपदा के बाद मार्ग कई जगहों पर वॉश आउट हो गया था। इसीलिए कुछ स्थानों पर वैकल्पिक पुल को दोबारा से बनाया गया।
मार्गों को सही करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि बारिश के रुकते ही केदारनाथ यात्रा फिर से पटरी पर आएगी, लेकिन जिस तरह से लगातार बरसात हो रही है, उसके चलते शासन-प्रशासन एहतियात के तौर पर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक रहा है। जैसे ही मौसम साफ होगा तो फिर से यात्रियों को आगे भेजा जाएगा।

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