प्रदुषण नियंत्रण के लिए इस बार दिपावली बाद ड्रोन से होगा पानी का छिड़काव

देहरादून। दिपावली त्यौहार को लेकर प्रदेश की राजधानी देहरादून के बाजार सज चुके हैं। लोग बाजारों में बढ़चढ़कर खरीदारी कर रहे हैं। दीपावली के दौरान सबसे बड़ी चुनौती वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने की रहती है। क्योंकि आतिशबाजी के कारण दीपावली पर वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है, जिसको लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कमर कस ली है।
दीपावली पर आतिशबाजी के कारण एयर क्वालिटी काफी अधिक खराब हो जाती है, जिसको ध्यान में रखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अपनी रणनीति भी तैयार की है। दीपावली के बाद देहरादून के संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए पानी की बौछार करवाई जाएगी, ताकि एयर क्वालिटी को बेहतर किया जा सके।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार बढ़ रहे वाहनों के दबाव की वजह से भी वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। वर्तमान समय में देहरादून का एक्यूआई स्तर संतोषजनक स्थिति में है। यानी 51 से 100 के बीच रह रहा है। लेकिन दीपावली के दौरान एक्यूआई स्तर काफी अधिक बढ़ने की आशंका है। जब एक्यूआई का स्तर 100 से ऊपर जाता है तो उसे सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता है।
वहीं, जानकारी देते हुए उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते ने कहा कि दीपावली स्वच्छ और सुरक्षित हो इसके लिए उत्तराखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर रणनीति तैयार कर ली है। मुख्य रूप से जो भी संवेदनशील क्षेत्र हैं, जहां पॉल्यूशन अधिक होने की आशंका है, उन क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए पानी का छिड़काव करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में मॉनिटरिंग स्टेशन भी लगा दिए गए हैं।
साथ ही बताया गया कि केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इसके अलावा सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि स्कूलों और अस्पतालों के आसपास पटाखे न फोड़े जाए। उत्तराखंड ने नेशनल लेवल पर एयर क्वालिटी में बेहतर प्रदर्शन किया है। ऐसे पीसीबी की कोशिश है आगामी दीपावली स्वच्छ हो सुरक्षित हो साथ ही एयर क्वालिटी बेहतर रहे।

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