इन्फ्लुएंसर की हरकतों से बीकेटीसी परेशान

देहरादून। उत्तराखंड के लिए चारधाम यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है। बल्कि, पूरे प्रदेश के लिए एक खुशी उत्साह और नई उम्मीदों का भी की भी शुरुआत होती है। क्योंकि, चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी में एक बड़ा अहम रोल अदा करती है। हर साल लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री इन चारों धामों में पहुंचते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि केवल तीर्थ यात्री ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी अपने व्यूज पाने के लिए चारों धामों में पहुंच रहे हैं, जिनकी आस्था से इतर एक पहलू उनके सोशल मीडिया पर व्यूज का लालच आसानी से देखा जा सकता है।
हर साल उत्तराखंड के चारों धामों से विशेष तौर से केदारनाथ धाम को हर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपनी टीआरपी के लिए इस्तेमाल करता नजर आता है। यही वजह है कि जिस दरमियां चारधाम यात्रा शुरू होती है तो केदारनाथ कीवर्ड सबसे ज्यादा ट्रेंड करता है तो वहीं हर साल कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का पेट केदारनाथ और बदरीनाथ धाम से पलते हैं। क्योंकि, इन सोशल मीडिया अकाउंट पर केवल और केवल केदारनाथ एवं बदरीनाथ से संबंधित कंटेंट रहता है, लेकिन अफसोस की बात ये है कि यही सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जिस केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की टीआरपी की बदौलत व्यूज पा रहे हैं, वहीं इन धामों को भी अक्सर बदनाम करने का काम करते हैं।
सोशल मीडिया पर केदारनाथ-बदरीनाथ धाम को बदनाम करने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से केवल सनातन की बदनामी होती है। बल्कि, बदरी केदार मंदिर समिति के रेवेन्यू पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। जिसके चलते अब आप बदरी केदार मंदिर समिति सख्त कदम उठाने जा रही है।
बदरी केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मानें तो चारधाम में खासतौर से केदारनाथ धाम में आने वाले यूट्यूब, ब्लॉगर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की संख्या पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ी है। कपाट खुलने के दौरान इस साल एक तस्वीर ने लोगों को सोचने पर मजबूर किया, जब कपाट खोलने समय केवल एक परसेंट लोग हाथ जोड़कर खड़े दिखे। जबकि, 99 फीसदी लोग केवल इस मोमेंट को अपने सोशल मीडिया के जरिए टीआरपी के लिए बेच रहे थे।
इतना ही नहीं बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने बताया कि आज सोशल मीडिया पर ऐसे भी लोगों की भरमार है, जो कि केदारनाथ धाम और बदीनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रामक सूचना है, यह तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम हमारे पौराणिक महत्व के धाम हैं। यहां पर हमारे तमाम सनातनी धार्मिक अनुष्ठान संस्कार होते हैं, जो कि ऑनलाइन इन फर्जी माध्यमों से संभव नहीं है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस तरह के किसी भी फर्जी सोशल मीडिया विज्ञापनों पर भरोसा ना करें। इन धामों की अस्मिता को बरकरार रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। वहीं, इन्हीं सभी भ्रामक और फ्रॉड गतिविधियों के चलते बदरी केदार मंदिर समिति ने पुलिस को भी शिकायत दी है। जिसमें केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पूजन कराने को लेकर वेबसाइट पर भ्रामक और झूठ प्रचारित किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *