केदारनाथ धाम में कलात्मक कलाकृति ओम मूर्ति बनाई जाएगी

देहरादून। केदारनाथ धाम में कलात्मक कलाकृति ओम मूर्ति बनाई जाएगी। इसके लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। पर्यटन विभाग ने इनफाइन आर्ट वेंचर लिमिटेड को मूर्ति बनाने की अनुमति दी है। पर्यटन विभाग के माध्यम से केदारनाथ धाम एरावइल प्लाजा में कलात्मक कलाकृति ओम मूर्ति बनाई जाएगी। इसमें 5850 किलोग्राम कॉपर, जिंक व मिश्र धातु का इस्तेमाल किया जाएगा। मूर्ति में प्रयोग होने वाले धातु का मेटल टेक्नीकल एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी। प्रदेश में क्षेत्र विशेष में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन अधिनियम 2013 में संशोधन के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी। मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी। उत्तराखंड विशेष क्षेत्र पर्यटन नियोजित विकास और उन्नयन अधिनियम के तहत केदारनाथ विकास प्राधिकरण और टिहरी पर्यटन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। केदारनाथ और टिहरी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्राधिकरणों को मजबूत करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। इसके लिए अध्यादेश लाया जाएगा।
वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के पीड़ितों को सरकार ने राहत दे दी है। उन दौरान केदारनाथ धाम से तिलवाड़ा के बीच व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रखे सामान के नुकसान की भरपाई की दूसरी किस्त अब मुख्यमंत्री राहत कोष से विशेष राहत राशि के रूप में आवंटित की जाएगी। कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा में धाम से लेकर तिलवाड़ा तक बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। इस दौरान तमाम व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचने के साथ ही उनमें रखा सामान या तो बह गया था या खराब हो गया था। ऐसे 465 व्यवसायियों को अब कुल 12 करोड़ 30 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की जाएगी। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है।
इससे पहले वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी कर दो लाख रुपये तक की क्षति की 90 प्रतिशत भरपाई की थी। जबकि दो लाख से 30 लाख रुपये तक के नुकसान की क्षति का 80 प्रतिशत देने का निर्णय लिया गया था। इसमें से भी आधी धनराशि प्रभावित व्यवसायियों को दे दी गई थी। तय किया गया था कि बाकी बची 40 प्रतिशत धनराशि को वीर चंद्र गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत अनुदान के रूप में दिया जाएगा। लेकिन, इसमें लोगों ने रुचि नहीं दिखाई और किसी ने भी इस योजना का लाभ नहीं उठाया। अब इसे सहायता राशि के रूप में देने का निर्णय लिया गया है।

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