हरिपुर कालसी जनजातीय क्षेत्र में कश्मीरी मुस्लिम के जमीन की खरीदने का मामला
देहरादून। उत्तराखंड के जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के हरिपुर कालसी क्षेत्र में कश्मीरी मुस्लिम द्वारा दस बीघा भूमि खरीदने का मामला सुर्खियों में आने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डीएम को जांच के निर्देश दिए थे,जिसे बाद डीएम के आदेश पर एसडीएम कालसी ने अपने यहां दस्तावेजों को देखने के बाद उक्त भूमि को राज्यसरकार में निहित कर दिया है। इस मामले सामाजिक संगठनों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए भूमि की खरीद फरोख्त किए जाने के विषय को उठाया था। मामले की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा नोटिस किए जाने के बाद डीएम देहरादून को जांच किए जाने के निर्देश दिए गए थे। उल्लेखनीय है कि एक वीडियो सोशल मीडिया में जारी हुआ था और दावा किया गया है कि ये वीडियो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से जारी हुआ है जिसमें वहां के लोगों द्वारा देहरादून जिले के हरिपुर कालसी क्षेत्र में उनकी पैतृक संपत्ति होने की बात कही गई है।
ये जमीन खरीदने का मामला गुलाम हैदर से जुड़ा बताया जा रहा है जोकि जम्मू कश्मीर में पुलिस का अधिकारी रहा और आतंकियों को मदद पहुंचाने के आरोप में कई सालों तक निलंबित भी रहा। गुलाम हैदर ने जनजातीय क्षेत्र में दस बीघा भूमि कैसे खरीद ली ? जबकि यहां बाहर का व्यक्ति भूमि खरीद नहीं सकता। इस मामले में कालसी प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लाजमी है। बताया जाता है गुलाम हैदर ने यहां रहने वाले रिश्तेदारों के जरिए परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करवा कर निवास संबंधी दस्तावेज बनवा लिए और फिर यहां भूमि खरीद ली। जनजातीय क्षेत्र में बाहरी व्यक्ति यदि भूमि खरीदता है तो उसे एसडीएम या डीएम की अनुमति लेनी पड़ती है । ऐसे में आखिर किसने इस बारे में अनुमति दी? ये भी सवाल पूछा जा रहा है।
इस बारे में स्थानीय युवक संजय खान ने भी कई शिकायती पत्र प्रशासन को लिखे थे और उच्च न्यायालय नैनीताल में भी याचिका दायर की हुई है।
बड़ा सवाल ये भी है जिस गुलाम हैदर ने सालों साल कश्मीर घाटी में नौकरी की वो उत्तराखंड में दस बीघा जमीन आखिर क्यों खरीद रहा है? सूत्र बताते है कि कश्मीर में भी गुलाम हैदर की संपति पहले से है।
जानकारी के मुताबिक ये मामला जिला अधिकारी की अदालत में भी चला और तात्कालीन डीएम सोनिका ने इस प्रकरण को सुनने के बाद 24.07.2024 को उक्त भूमि को सरकार में निहित करने के आदेश भी जारी किए हुए है।बावजूद इसके उक्त भूमि का विवाद बरकार रहा। बताया जाता है हाई कोर्ट के द्वारा भी जिला प्रशासन को दोबारा जांच करने के कहा था जिसपर एसडीएम कालसी प्रेम लाल ने उक्त भूमि को सरकार में निहित करने के पूर्व जिलाधिकारी के आदेश को बरकरार रखा।
