चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी की 100वीं जयंती पर डाक विभाग ने जारी किया टिकट

चमोली। देश और दुनिया को चिपको आन्दोलन की प्रणेता दिवगत गौरा देवी की आज 100वीं जयंती है। गौरा देवी के जन्म शताब्दी समारोह के मौके पर रैणी गांव में पर्यावरण संरक्षण की विषय-वस्तु पर आधारित एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का आयोजन नंदा देवी राष्ट्रीय उ‌द्यान के तत्वावधान सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वं गौरा देवी के 100वें जन्म वर्ष को स्मरणीय बनाना और भारतीय डाक विभाग ने उनके सम्मान में जारी किए गए डाक टिकट व डाक लिफाफे का विमोचन करा जो उनको समर्पित एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल मौजूद रहे। इस अवसर पर लाता व रैणी ग्राम के महिला मंगल दलों द्वारा चिपको आंदोलन की थीम पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई, जिनके माध्यम से प्रकृति संरक्षण एवं पर्यावरणीय जागरुकता का संदेश दिया गया।
चंद्र सिंह राणा (स्व। गौरा देवी के पुत्र) ने अपनी माता की स्मृतियों को साझा किया गया। मंत्री सुबोध उनियाल ने स्व। गौरा देवी को पर्यावरण संरक्षण की प्रतीक बताते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि गौरा देवी के संघर्ष से यह सीख मिलती है कि एक सामान्य नागरिक भी पर्यावरण संरक्षण में अभूतपू योगदान दे सकता है। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उन्होंने केवल अपने पगरैंणी (रेणी) के जंगलों को ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड और समूचे देश के वनों व बचाने की प्रेरणा दी। वन बचाओ, जीवन बचाओ का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितने चिपको आंदोलन के समय था।
इस मौके पर विधायक लखपत सिंह बुटोला ने कहा कि गौरा देवी और रैणी गांव की महिलाओं ने उस दौर में जो साहस दिखाया, वह केवल पेड़ों को बचाने का संघर्ष नहीं था, बल्कि अपने अधिकारों, अपने श्हक-हकूकश् और अपनी आने वाली पीढ़ियो के भविष्य की रक्षा का आंदोलन था। प्रमुख वन संरक्षक एंव वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखंड रंजन कुमार मिश्र ने वन विभाग की विभिन्न जन-सहभागित से जुड़ी योजनाओं व मानव-वन्य जीव संघर्ष रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नंदा देवी क्षेत्र के ग्रामों में चल रहे वन-जन सहयोग के प्रयासों की सराहना की और जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से आग्रह किया वे सहभागी संरक्षण मॉडल को और सशक्त करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी स्वच्छ पर्यावरण का लाभ उठा सकें।

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