दुष्प्रचार के बाद राज्य को खनन क्षेत्र में पुरस्कार कांग्रेस के मुँह पर तमाचाः चौहान

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख  मनवीर सिंह चौहान ने राज्य मे आर्थिकी का बड़ा स्रोत बने खनन से कई गुना राजस्व प्राप्ति को सुखद बताते हुए इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी नीति को जिम्मेदार बताया और राज्य को पुरस्कार की सूची मे तरजीह मिलने को कांग्रेस के मुँह पर तमाचा बताया।  प्रदेश मुख्यालय मे पूछे सवालों के जवाब मे चौहान ने कहा कि खनन मे राजस्व प्राप्ति का आंकडा ऐतिहासिक है। अब तक इस पर राजनैतिक दुष्प्रचार कर रही कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए कि उसका मंतव्य अब क्या है? आंकड़ो की तुलना की जाए तो वर्ष 2019-20 में यह राजस्व घ्400 करोड़ से भी कम था। यह सरासर घाटे का सौदा था, क्योंकि खनन से प्राप्त राजस्व से माफिया लाभांवित हो रहे थे, लेकिन अव राज्य के कोष मे जमा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पारदर्शी नीतियों का ही परिणाम है कि उत्तराखंड ने खनन तत्परता सूचकांक 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। केंद्रीय खनन मंत्रालय द्वारा जारी “राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 में उत्तराखंड ने अपनी प्रशासनिक दक्षता सिद्ध की है। यह सूचकांक खनन क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने और बेंचमार्क करने के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। उतराखंड को बेहतर प्रदर्शन करने पर 100 करोड़ की पात्रता की सूची मे रखा गया है और यह बेहतर कार्यों का पुरस्कार है।
चौहान ने कहा कि राज्यों का मूल्यांकन खनन सुधार, नीतिगत पारदर्शिता, पर्यावरणीय संतुलन प्रशासनिक दक्षता के मापदंडों पर किया गया। खनिज संपन्नता के आधार पर राज्यों को तीन श्रेणियों में उत्तराखंड ने ‘कैटेगरी ब्’ राज्यों में पंजाब और त्रिपुरा के साथ अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड ने खनन क्षेत्र से घ्1000 करोड़ से अधिक का अभूतपूर्व राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस और डिजिटल नीतियां,पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली, सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन तथा प्रभावी नेतृत्व के बूते ही ऐसा संभव हो सकता है। धामी सरकार ने खनन पट्टों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की तथा खनिज परिवहन प्रणाली को डिजिटल माध्यम से पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया।अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई कर राजस्व हानि पर प्रभावी रोक लगाई गई। यह इस बात का प्रमाण है कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन और ई-गवर्नेंस के संगम से राज्य अपने संसाधनों का सर्वाधिक लाभ जनता तक पहुँचा सकता है। यह धामी सरकार के सुशासन और वित्तीय प्रबंधन के आदर्श मॉडल का प्रमाण भी है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि राज्य सरकार पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक प्रगति के बीच उत्कृष्ट संतुलन बनाने में सफल रही है। चौहान ने कहा कि धामी सरकार की पारदर्शी नीति से राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और निश्चित रूप से उत्तराखंड वर्तमान दशक में श्रेष्ठ राज्य साबित होगा।

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