किसानों ने ड्रिप फर्टिगेशन से फसल की उपज और आर्थिक समृद्धि को बढ़ाया

देहरादून। तरिकेरे कम्युनिटी ड्रिप इरीगेशन फेज द्वितीय के किसानों ने ड्रिप फर्टिगेशन का उपयोग करते हुए जल उत्पादकता और उर्वरक उपयोग क्षमता में वृद्धि देखी है। इस तकनीक द्वारा जल उत्पादकता में तकरीबन 90 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उर्वरक उपयोग दक्षता में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह भी देखा गया है की किसानों द्वारा पारंपरिक सिंचाई का अभ्यास फरो या बाढ़ और प्रसारण द्वारा निषेचन की तुलना में फसल के वाष्पीकरण में 9-10 प्रतिशत की कमी आई है। यह तकनीक पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए फसल के लिए इष्टतम नमी वितरण में भी मदद करती है।
ड्रिप फर्टिगेशन के माध्यम से पौधों के आधार पर पानी और उर्वरक को विनियमित तरीके से ड्रिप करने के लिए प्लास्टिक टयूबिंग का उपयोग किया जाता है और इस प्रकार, लगभग 50 से 60 प्रतिशत की उच्च उपज प्राप्त करने मे यह तकनीक काफी मददगार साबित हुई है। अब तक, कंपनी ने तरिकेरे कम्युनिटी ड्रिप इरीगेशन फेज प्प् के 5500 हेक्टेयर में ड्रिप सिस्टम इंस्टॉल किया है। पानी की कम मात्रा और उर्वरक इनपुट के विवेकपूर्ण उपयोग के साथ यह आधुनिक कृषि तकनीक ने लगभग 49ः किसानों को फसल की उपज में 50 प्रतिशत की वृद्धि करने में मदद की है जो 5100 हेक्टेयर भूमि पर खेती करते है। कल्लापुरा गाँव के जयम्मा के पुत्र कुमार ने घेरकिन की 30-35 प्रतिशत अधिक उपज (5.5 टन प्रति एकड़) देखी, जबकि ड्रिप फर्टिगेशन के बिना, वह केवल 4 टन, एकड़ ही उगा सकते थे। गांव कल्लापुरा के एक अन्य किसान श्री परप्पा ने ड्रिप फर्टिगेशन से 14 टनध्0.5 एकड़ टमाटर उगाया है। पहले वह केवल 10 टन 0.5 एकड़ उपज देता था। गरगदहल्ली गांव के रमेश ने ड्रिप फर्टिगेशन से 25 टनध्हेक्टेयर तरबूज उगाए हैं, जो पहले की फसल की उपज से 30 प्रतिशत अधिक है।

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